अच्छा किया
अच्छा किया
अच्छा किया तुमने जो बीच राह में
साथ छोड़ गए हमारा भरोसा तोड़
गए हो मेरा।
बहुत नाज़ था हमको तेरे प्यार पर
तेरी वफाओं पर,
बहुत उम्मीदें थी हमको तुमसे औए
वो उम्मीदे तोड़ गए तुम।
हमने दुनिया की कभी ना सुनी आज
एहसास दिला दिया तुमने कि हम
गलत थे और दुनिया सही।
काश तुमारा दोहरा चेहरा हमको
पहले दिखाई दे जाता,
तो आज दिल
ना हमारा टूटता और हम ना रोते
प्यार है तो इनकार क्यों
इज़हार होना चाहिये।
प्यार नहीं है तो इनकार क्यों नहीं
डर किस बात का प्यार किया है हमने
तो डरे क्यों प्यार किया है कोई पाप नहीं।
इज़हार अपने प्यार का
हम सरे आम करते हैं
अपने दिल की सुनते हैं
किसी और की नहीं।