दोस्ती हो तो ऐसी
दोस्ती हो तो ऐसी
यारी हो तो ऐसी बेमतलब की यारी हो,
यूँ के यार के जाने के बाद भी यार की खुमारी हो।
किसी शक -शुबहे की गुन्जाइश ना रखो,
शक्ल देख कर समझ जाओ गर यार की लाचारी हो।
रहना मुस्तैद,कभी भी आलस ना करना,
यार के साथ चलने की हरदम तैयारी होः
शब्दों से शुक्रिया करना कतई जरूरी नहीं,
आँखों से ही जता दो के यार के आभारी हो।
यूँ मिसाल कायम करो जग में दोस्ती की 'रेखा'
देख के लोग कहें के इनके जैसी ही यारी हमारी हो !