Ashish Vairagyee
Drama
अनंत से लॉक ड...
इच्छामृत्यु
तेरा ज़िक्र
रूमाल
काश
तुम्हें माफ़ क...
एहसास
अगर मुमकिन हो
दिल कभी टूटता...
कॉफ़ी कप
दुनिया भर का बोझ उठाए, ये नन्हे नन्हे हाथ मेरे...! दुनिया भर का बोझ उठाए, ये नन्हे नन्हे हाथ मेरे...!
तेरे साथ बिताए लम्हों का, हर पल बहुत याद आता है। तेरे साथ बिताए लम्हों का, हर पल बहुत याद आता है।
ममता में डूबे ख़जाने देखे हैं, हाँ, मैंने, माँ के आँसू देखे हैं ! ममता में डूबे ख़जाने देखे हैं, हाँ, मैंने, माँ के आँसू देखे हैं !
सुना है कभी दौर हुआ करता था पत्थरों का अब तो पत्थर के हो गए हैं लोग। सुना है कभी दौर हुआ करता था पत्थरों का अब तो पत्थर के हो गए हैं लोग।
क्यूँकि वो नाजायज़ था क्यूँकि वो नाजायज़ था
किताब के पन्नों की तरह पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है ! किताब के पन्नों की तरह पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है !
तन्हा-तन्हा रातें अपनी मीठी-मीठी बातें उनकी क्या जाने हम सोच के अपनी आँखों में आँसू भर लाए ! तन्हा-तन्हा रातें अपनी मीठी-मीठी बातें उनकी क्या जाने हम सोच के अपनी आँखों मे...
समाज की हकीकत बयाँ करती एक कविता...! समाज की हकीकत बयाँ करती एक कविता...!
कठिनाइयों के सामने यूँ मजबूर ना हो तू खुद ही एक कोहीनूर है ! कठिनाइयों के सामने यूँ मजबूर ना हो तू खुद ही एक कोहीनूर है !
आओ मिलके स्वच्छ बनाएँ अपना प्यारा हिंदुस्तान ! आओ मिलके स्वच्छ बनाएँ अपना प्यारा हिंदुस्तान !
कौन है दुनिया मे जिसको ग़म नहीं वो तुम नहीं, वो हम नहीं ! कौन है दुनिया मे जिसको ग़म नहीं वो तुम नहीं, वो हम नहीं !
बिलखती है ख़ामोशी चीख़ता है सन्नाटा पालनकर्ता माँग रहा है दो रोटी का आटा...! बिलखती है ख़ामोशी चीख़ता है सन्नाटा पालनकर्ता माँग रहा है दो रोटी का आटा...!
इस किताब को पढ़ती नहीं जीती है स्त्री ! इस किताब को पढ़ती नहीं जीती है स्त्री !
निगाहों ने तुमको ही, अपना बताया । निगाहों ने तुमको ही, अपना बताया ।
पापा तुम्हें कह नहीं पाती, हर शुक्रिया से ज्यादा तुम्हें प्यार करती हूँ। पापा तुम्हें कह नहीं पाती, हर शुक्रिया से ज्यादा तुम्हें प्यार करती हूँ।
कि जब बचपन मिले इसमें इस बार मायूसी ना हो...! कि जब बचपन मिले इसमें इस बार मायूसी ना हो...!
न नारी अबला होती है और न ही औरत लाचार होती है। न नारी अबला होती है और न ही औरत लाचार होती है।
लंका में अग्निकांड भी मैं था लंका में अग्निकांड भी मैं था
क़लम की इस पैनी नोंक ने मुझे, शमशेरों से लड़ना सिखा दिया... क़लम की इस पैनी नोंक ने मुझे, शमशेरों से लड़ना सिखा दिया...
उसकी बिखरी खुशबू में कुछ बातें कहनी थी तुमसे... उसकी बिखरी खुशबू में कुछ बातें कहनी थी तुमसे...