सियासत
सियासत
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जिंदगी को न यह शिकायत रहे
सियासत जैसी न चालें पुरानी रहे
मोहब्बत है तो ऐसा करना तुम
सरकार हमारी सदा सलामत रहे !
* * * * *
जिंदगी की जंग अब क्या लड़ना
हुक़ूमत ही न हो तो शासन क्या करना
जब तू थी राजधानी उसे ही हार गया मैं
तो अकेला इस राज्य का क्या रहना.. !!