एक मुलाकात जरूरी है
एक मुलाकात जरूरी है
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आओ कभी मेरे शहर में
तेरे ख़यालात जरूरी हैं
जाओ ना इस कदर यहाँ से
एक मुलाकात जरूरी है
रूठी हुई है मेरी धड़कन
सूनी हुई है मेरी गलियाँ
भीगी सी मेरी पलकों से
एक मुलाकात जरूरी है
घुटन भी महसूस हुई
सुकून भी छीन सा गया
धीमी सी उस आहट से
एक मुलाकात जरूरी है
बगिया भी मुरझाई सी है
पवन भी अलसाई सी है
नदिया के उस साहिल पर
एक मुलाक़ात जरूरी है
अकेला हूँ इस सफ़र में
तन्हाँ हूँ इस महफ़िल में
इस ज़माने में जीने को
एक मुलाकात जरूरी है