Anuj Pareek
Inspirational
चलो आज
शब्दों का
ताना-बाना
बुनते हैं।
कुछ तुम कहो,
और कुछ
हम कहे
चलो यूं ही कुछ
बातें करते हैं।
प्रेम की सार्...
अमीर घर की औल...
सबसे खतरनाक ह...
थामना चाहता ह...
समझ क्यों नही...
इंसान
Kuch Tum Kaho...
यादों की गिरफ़...
मिला ही नहीं
खुशियों का सौ...
नारी अपने हरेक रूप में विशिष्ट संतति की पहचान है ! नारी अपने हरेक रूप में विशिष्ट संतति की पहचान है !
हम मनोहर दूरवर्ती, कार्यक्रम चलाएं। अपने सभी बच्चों का,हम सब ग्रुप बनाएं। हम मनोहर दूरवर्ती, कार्यक्रम चलाएं। अपने सभी बच्चों का,हम सब ग्रुप बनाएं।
ये सूना पड़ा हुआ घर, घर का खाली पड़ा अहाता। ये सूना पड़ा हुआ घर, घर का खाली पड़ा अहाता।
बीती बातों को भूला कर हौसले के साथ मंज़िल की ओर मज़बूती से,ख़ुद पर विश्वास रखते हुए बढ़ना है तुझे बीती बातों को भूला कर हौसले के साथ मंज़िल की ओर मज़बूती से,ख़ुद पर विश्वास रखते हु...
घर घर रंगोली सजेगी,सजेगा दरवाजे पर वंदनवार लगेगी दीपों की आवली हर घर,हर द्वार। घर घर रंगोली सजेगी,सजेगा दरवाजे पर वंदनवार लगेगी दीपों की आवली हर घर,हर द्वार।
जीवन को फूलों सा महकना है अभी तो चिड़िया सी बनकर चहकना है। जीवन को फूलों सा महकना है अभी तो चिड़िया सी बनकर चहकना है।
जगमग हो रही है अयोध्या जरा नज़रों को उठा कर देखो। जगमग हो रही है अयोध्या जरा नज़रों को उठा कर देखो।
ए दोस्त रुकना अभी जाना नहीं अभी रवानी बाकी है। ए दोस्त रुकना अभी जाना नहीं अभी रवानी बाकी है।
अहिल्याबाई का सुदृढ़ व्यक्तित्व, उनकी जीवन गाथा। अहिल्याबाई का सुदृढ़ व्यक्तित्व, उनकी जीवन गाथा।
स्वार्थ के सब मीत यहां,स्वार्थ के रिश्ते-नाते हैं। स्वार्थ के सब मीत यहां,स्वार्थ के रिश्ते-नाते हैं।
, आज़ाद सही मायनों में और फिर से मनाययेगें उत्सव स्वतंत्रता का। , आज़ाद सही मायनों में और फिर से मनाययेगें उत्सव स्वतंत्रता का।
माता-पिता भाई बहन सब एक ही परिवार के अंग हैं , माता-पिता भाई बहन सब एक ही परिवार के अंग हैं ,
उन्माद ये ऐसा, पल में जो जगा दे विद्रोह, उन्माद ये ऐसा, पल में जो जगा दे विद्रोह,
रौशन घर का हो हर कोना चलो फिर एक दीप जलाते हैं। रौशन घर का हो हर कोना चलो फिर एक दीप जलाते हैं।
उसकी फ़ितरत इंसानों से अलग है, वो आख़िरी साँस तक साथ निभाऐगी।हाँ सच ही तो, याद ही तो मेरी जागीर है।.... उसकी फ़ितरत इंसानों से अलग है, वो आख़िरी साँस तक साथ निभाऐगी।हाँ सच ही तो, याद ह...
पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम. पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम.
चन्दा सोहे शीश पर , काम नशावन हार । मोह निशा का नाश कर , ज्ञान दिवस दातार।। चन्दा सोहे शीश पर , काम नशावन हार । मोह निशा का नाश कर , ज्ञान दिवस दातार।।
अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी बोल रही मिट्टी राजस्थानी अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी बोल रही मिट्टी राजस्थानी
सफलता की एक ऐसी कहानी ये, जिसने बदला नज़रिया। सफलता की एक ऐसी कहानी ये, जिसने बदला नज़रिया।
देवालय में बैठा बैठा मैं मन में करता ध्यान। शुभ दिन आया मैं करूँ दीप कौन सा दान। देवालय में बैठा बैठा मैं मन में करता ध्यान। शुभ दिन आया मैं करूँ दीप कौन सा द...