याद में लिखी हुई शायरी .......
याद में लिखी हुई शायरी .......
आँखों सें आँखों मिलने से प्यार का पौधा बनता
बातों ही बातों में हम किसी को अपना मानने लगते है,
से तो इश्क बनता है......
किसी की लत तो एसे लगती है जैसे शराब की
वो हमारी ज़िन्दगी कोई भी हमसे छीनता है,
बातों ही बातों से तो इश्क बनता है.....
आग तो सीने में ही लगती है प्यार का नशा
जो दिल पे छा जाता है,
बातों मैं डुबने से ही तो इश्क बनता है..
कोई हमको अपना सा लगता है,
पता नहीं कोई कब हमारे ज़िन्दगी मैं
आ जाता है पता ही नहीं चलता उसकी
बातों में उतर ने से तो इश्क बनता है.....
कोई अंजान हमसे हमारा दिल छीनता है
हमारा चैन चुराता है, दिल किसी की चाहत में
हाथ से निकल जाता है किसी को
अपने खवाब मैं सजाने से तो इश्क बनता है.......
किसी के आने का इंतजार,
हर पल किसी खास को याद करने की लत
और प्यार यादों में खो जाने से तो इश्क बनता है.......
"प्यार का सफर" भी सुहाना लगता हैं,
हमारी ज़िन्दगी मे चार चांद लगाता है,
अपने के साथ हाथों में हाथ रखके
चलने से ही तो इश्क बनता है........
ए सफर सारी ज़िन्दगी कांटेगे,
हम ज़िन्दगी के सारे इम्तहान खुशी खुशी देगे
ए होश और आवाज से तो इश्क बनता है.........
फर्क कुछ न हो हम एक दूसरे मैं समा देंगें खुद को
हम बातों ही बातों मैं वादे जो करते है,
वादें से तो इश्क बनता है.......
प्यार की इस तरह कदर होनी चाहिए ,
भूखे को भोजन,प्यासे को पानी,
ए भावनाओं से तो इश्क बनता है.......
ख्याल और हकीकत मैं कोई फ़र्क ना हो मेरे खुदा,
जब दुआ मैं प्यार को महफूज़ रखने की हो मन्नत तो इश्क बनता है.........
प्यार के गवाह के सिलसिले सें ,न मिली
राहतों की अधूरी प्यास से तो इश्क बनता है.......