प्रेम की चिट्ठी
प्रेम की चिट्ठी
प्रिय सफलता,
आशा करता हूँ कि तुम ठीक होगी।
तुम्हारी कामना हर कोई कर रहा है,
राजा-रंक, अमीर-फ़क़ीर, स्वस्थ और रोगी।।
तुम्हारा हूँ मैं प्रेमी, तुम्हारी है मुझे चाहत,
तुम्हीं दे सकती हो मुझे राहत।
तुम्हारा न होना करता है मुझे आहत,
आशा है कि तुम हो जाओगी हमारी।
अपने बारे में देता हूँ कुछ जानकारी।।
मैं हूँ निर्धन
लेकिन दृढ़ है मेरा मन,
अनुशासन से लाता हूँ, अपने पर नियंत्रण।
तुम्हारी तरफ है मेरा पूरा समर्पण,
हौसला और विश्वास, ऐसा कि हासिल कर लूँ गगन।।
तुमसे है मुझे इतना कहना,
तुम्हारे लिए बहुत कुछ करना पड़ रहा है सहना।
सच की कठिन राह मुझे चुननी पड़ी,
इस पथ पर कई जंग मैंने लड़ी।
ज्ञात है मुझे, इस राह के अंत मैं कहीं तुम हो खड़ी।।
मैं सिर्फ दिखता हूँ निर्बल,
लेकिन उच्च है मेरा मनोबल।
तुम्हारी बड़ी बहन असफलता से ली है सीख,
तुम्हारा सच्चा हकदार हूँ, माँग नहीं रहा तुम से भीख।।
किस्मत चाची, विधाता चाचा को मेरा प्रणाम।
तुम्हारा प्रेमी,
फिलहाल गुमनाम।।