करोगे याद जब हमको
करोगे याद जब हमको
करोगे याद जब हमको, न आंसू रोक पाओगे,
मेरी बातों में खोने से, न खुद को रोक पाओगे।
बड़ी तालीम ली होगी, जमाने को सिखाने की,
जमाना सवाल करेगा, न किसी को टोक पाओगे।
बिस्तर पे सिमटोगे, कभी झरोखे पे आओगे,
कभी ख्वाबों में डूब के, भूलकर मुझे बुलाओगे।
इक मेरी चाहत में, तुमने कितना लिख डाला,
तुमसे मुहब्बत न सम्हली, अब नजर कैसे मिलाओगे।
वो घरौंदे, पत्थर हमारे नाम के जब दिखाई देंगे,
दिल बोझिल हो जायेगा, मेरे बोल सुनाई देंगे।
हम घुट घुट कर मर रहे, कतरों में बिखर जायेंगे,
तुम ही जानो हाल तुम्हारा, की कैसे जी पाओगे।
करोगे याद जब हमको न आंसू रोक पाओगे।।