हाथ से निकल ना जाना
हाथ से निकल ना जाना
पापा को स्कूल जाती बिटिया पूछे
हाथ से निकल जाना क्या होता है पापा
रात दिन सब बोलते रहते
आसपास मेरे और आपके पापा
तुम पढ़ोगी बेटी
नाम कमाओगी बेटी
इंजीनियर बन...
नहीं पापा
आपकी बिटिया पायलट बनेगी...
हाथ से ऐसे ही निकल जायोगी बेटी
ऐसे निकलना अच्छा है ना पापा
आगे बढ़ना इज्जत बना
नाम कमाना अच्छा है ना पापा
पापा बेटी को दुलार कर
थोड़ा ज़्यादा दिल में प्यार भर
बोलते हैं बिटिया...
अगर हाथ से ना निकलती
मनु लक्ष्मी बाई ना बनती
प्रियदर्शनी इंदिरा ना बनती
कल्पना आसमां फ़तेह ना करती
उषा भागी पी टी उषा बनी
गीता बबिता लड़ी फोगाट सिस्टर्स बनी
सानिया खेली आगे बढ़ी
अगर हाथ से ना निकलती लड़कियां
कैसे शिखर पे पहुँचती लड़कियां
रोशन नाम करती कैसे ये लड़कियां
नारी आगे बड़े ये हजम नहीं समाज को
बराबरी ना कर पाये
फिक्र सताती इस मर्द जात को
चूल्हे चौके चूड़ियों वाले हाथ जब
भारत का झंडा थाम लेते हैं
इस पुरुष प्रधान समाज के
अंह को हवा लगा देते हैं।
तुम आगे बढ़ो बढ़ती चलो
उन बेड़ियों से उन खनकती चूड़ियों में
वो पायल में वो मेहंदी लगे हाथों में
तुम निकल चलो
उन हाथों से उस जकड़न से
तुम निकल चलो
बढ़ो... तुम बढ़ो।