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Jisha Rajesh

Others

5.0  

Jisha Rajesh

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मेरा गाँव

मेरा गाँव

1 min
303


ठण्ड़ी हवा के झोंको ने

पीपल की ठण्ड़ी छाँव ने

कुएँ के मीठे पानी ने

कानों में मेरे एक बात कही


आकाश में उमड़ते मेघों नें

बसंत में खिलते फूलों ने

गुनगुनाते हुए भँवरों ने

कानों में मेरे एक बात कही


उस दिन मुझे यह एहसास हुआ

हाँ मुझे भी है प्यार हुआ

प्यार मुझे है मेरे घर से

प्यार मुझे है मेरे गाँव से


न सुख ऐसा मिला शहर में

न शान्ति ऐसी मिली शहर में

घूम कर सारा जगत यह जाना

प्यार मुझे बस मेरे गाँव से।




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