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Neha Yadav

Drama

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Neha Yadav

Drama

कृष्ण गाथा

कृष्ण गाथा

1 min
200


एक अलग पहचान हुआ

जब उत्पन्न प्रतिकार हुआ

तब मानव अवतार हुआ

दोष, छल, पापों से जब

हीनता का शुरुआत हुआ।


रग रग में बसी गद्दारी

अनेक रंगों का तिरस्कार हुआ

अनेकों रूप ले धरा पर आए

पापों का सर्वनाश किए

जन जन का कल्याण किए

बंशी बजा कर रास रचाकर

दुखों का संहार किया।


जब जब अवतार लिया

जन जन का उद्धार किया

कहलाता है रास रचैयां

कहलाता है कृष्णा कन्हैया

राधा के है प्राण प्रिये

कान्हा कहें यशोदा मैया

सबके प्राण में बसता है।


वृंदावन का नन्द लाला है

मनमोहन, गोपी ग्वाला है

माँ यशोदा, नन्द का लाला है

फन पर बैठ बसुरी की धुन

कालिया का संहार किया।


कष्ट हरण, मंगल करण को

कृष्णा धरा पर जन्म लिया

कृष्णा रूप में जन्म हुआ

प्रतिकारों का नाश हुआ

एक नया आयाम दिया।।


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