संगिनी
संगिनी
हँसी में मेरी
कहीं छुपी है खुशियाँ तेरी
आंसुओं में मेरे
कहीं दबी है तेरी उदासी।
रौशन चेहरे में मेरे
झलकती है कामयाबी तेरी
थकते हैं जब कदम
यादों में होती है मेहनतकशी तेरी।
तन्हाइयों में मेरी
तेरी ही यादों की गुंजन है
गीतों में मेरे कहीं
तेरी ही बातों की धुन है।
हर कदम हर जगह
तू साथ है मेरे
तू हो न हो सामने
मैं तो हर पल हूँ संगिनी तेरी।