राज़दार
राज़दार
बोल दे कोई दो लफ्ज़ प्यार से मुझसे
फिर किसी तौर नाराज़गी दिखलाई नहीं जाती
हर हाल में मुस्कुराने का हुनर आता है मुझे
पता है रोकर कोई समस्या सुलझाई नहीं जाती
लेते हैं लोग रस दूसरों की लगाई-बुझाई में
मुझसे तो इस तरह आग लगाई नहीं जाती
चापलूस,शेखीखोर व बनावटी इन्सान से
किसी भी सूरत मुझसे दोस्ती निभाई नहीं जाती
कोई ख़ास ही होगा जहां में राज़दार मेरा...
हरेक से तो दिल की बात बतलाई नहीं जाती