शोर ए दिल
शोर ए दिल
नाख़ुदा गर मिला नहीं होता ।
जो हुआ है, हुआ नहीं होता ।।
आज मन्ज़िल पे हम नहीं होते ।
गर भरोसा किया नहीं होता ।।
ये कहा हो चुका है सच साबित ।
हौसला हो तो क्या नहीं होता ।।
हसरतों को न जो बढ़ा लेता ।
आदमी ग़मज़दा नहीं होता ।।
मुश्किलें उसके पेश आतीं हैं ।
जिसको ख़ौफ़े ख़ुदा नहीं होता ।।
कोई विरला ही फानी दुनिया में ।
इश्क़ में मुब्तला नहीं होता ।।
हो चुका है 'शशी' यकीं सबको ।
झूठ तेरा कहा नहीं होता ।।