चेहरा तुम्हारा
चेहरा तुम्हारा
दिखता है गुलाब चेहरा तुम्हारा
हर सवाल का जवाब चेहरा तुम्हारा।
करीब मेरे आते ही, छिपाती हो चेहरा
ओढ़ता है शर्म का नकाब चेहरा तुम्हारा।
पीता नहीं मैं रोज-रोज पर, क्या करूँ ?
पिलाता हैं नैनों से शराब चेहरा तुम्हारा।
न रंज कोई, न शिकंज है, न झुर्रियाँ
अभी तक नूर-ए-शबाब चेहरा तुम्हारा।
मेरे सपनों में तुम-ही-तुम आती हो
हसीन दिखाता है ख्वाब चेहरा तुम्हारा।