भूला नहीं सब याद है "माँ"
भूला नहीं सब याद है "माँ"
नन्हीं सी जान लेकर इस दुनिया में आया था,
तेरी कोख से जन्मा तेरा ही साया था।
बस तुझपे ही मैंने अपना हक जताया था,
इक पल भी दूर होती तो लगता था नाराज़ है माँ।
भूला नहीं सब याद है माँ।।
फिर मैं कुछ बड़ा हुआ,
तेरी उँगली थामी और अपने पैरो पर खड़ा हुआ।
लड़खड़ाता - डगमगाता मेरे चलने जैसा बचपन मेरा,
आज भी तेरे साये से आबाद है माँ।
भूला नहीं सब याद है माँ।।
मैं सौ जाता तो मुझे लगातार तकती थी,
मुझे खिलाने से पहले खाना तू चखती थी।
मुझे नजर ना लग जाये - पास हमेशा मिर्चें रखती थी,
भोला-भाला सबसे प्यारा तेरा अंदाज़ है माँ।
भूला नहीं सब याद है माँ।।
और फिर मैंने जवानी में कदम रखा,
सब कुछ जैसे बदलने लगा।
मेरी नयी दुनिया में मैं तुझसे कुछ दूर हुआ,
तेरा टोकना मुझे खलने लगा।
तेरा समझाना बेमतलब का लगा,
मैं अपनी ही धुन में चलने लगा।
लेकिन तू अब भी वैसी थी - पहले जैसी थी।।
मैं रात भर जश्न मनाता - तू मेरा इंतजार करती,
मैं देरी से घर आता - तू सुकून से आहें भरती।
मैं कब अपने लिए जीने लगा बस इसी पर एतराज़ है माँ।।
भूला नहीं सब याद है माँ।।
वक़्त आगे बड़ा - तेरी उम्र ढलने लगी,
लाठी के सहारे तू चलने लगी।
बचपन में तूने मुझे चलना सिखाया,
जब मेरा वक़्त आया - तेरे हाथों में लकड़ी का टुकड़ा थमाया।।
तुझे मेरी जरूरत थी और मैं अपनी जरूरतों में व्यस्त रहा,
तू तब भी मेरी राह तकती और मैं अपनी ज़िन्दगी में मस्त रहा।
मेरे सब गुनाह तेरे लिए क्यूँ नजरअंदाज है माँ,
भूला नहीं सब याद है माँ।
और इक दिन तू रेत की तरह हाथों से फिसल गयी,
इस दुनिया को छोड़ - जाने किस दुनिया में निकल गयी।
ना कभी लौटी - न कभी तेरा कोई ख़त आया,
कुछ आया तो तेरे साथ बिता याद वो वक़्त आया।
तेरा टोकना याद आया - तेरा रोकना याद आया,
तेरा सहलाना याद आया - बचपन में नहलाना याद आया।
तेरा खाना याद आया,
मुझे बचाने को पिता को लगाया हर बहाना याद आया।
मेरे लिए रात भर जागना याद आया,
मेरे पीछे पीछे भागना याद आया।
तेरे आँचल का वो साया याद आया,
जो सब था भूला आज वो याद आया।
जब दिल करता है सो जाता हूँ - उठ जाता हूँ,
कोई रोकने वाला नहीं है - कोई टोकने वाला नहीं।
फिर भी इक बेचैनी सी है दिल में,
की मेरी गलतियों पर अब कोई चौंकने वाला नहीं है।
रात को देरी से घर आता हूँ,
अब दरवाजे पर खड़ा कोई इन्तजार नहीं करता।
बाहर का ही खा लेता हूँ,
अब मेरा फ्रिज फलों से नहीं भरता।
अब एहसास तेरी अहमियत का होता है,
ये दिल छुप-छुप के रोता है।
आज जो कुछ भी है पास मेरे सब तेरी बदौलत है माँ,
लेकिन तुझसे बड़ी नहीं कोई दौलत है माँ।
अब एहसास हुआ मैं गलत था - तू सही है माँ,
मेरे आस पास तू कहीं है माँ।
है दुनिया की सारी दौलत आज पास मेरे,
बस तू नहीं है माँ - बस तू नहीं है माँ।
अगले जन्म में भी मुझे माँ,
फिर से तेरा बेटा बनना है।
फिर से तेरी गोद में हो जन्म,
फिर से तेरी बाँहों में पलना है।
फिर से हो लड़खड़ाना मेरा,
फिर से तेरा हाथ थाम चलना है।
ए माँ - मेरा इंतज़ार करना,
फिर से तुझे मिलना है।
फिर से तुझे मिलना है।।