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Subodh Upadhyay

Others Romance

1.9  

Subodh Upadhyay

Others Romance

हे प्रिये

हे प्रिये

1 min
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हे प्रिये, हर पल तेरे ख्याल में गुजारे हैं,

हर ख्वाब तेरी मुस्कान के सजाए हैं।


हंसा भी रोया भी तुझे पाने के लिए,

सोचता रहा तुझे आंखों में बसाने के लिए।


तुझ पर लिखी पंक्तियों को पढ़ बस सब कहें,

तुझसे बेइन्तहा मोहब्बत है-मोहब्बत है मोहब्बत रहे।


तेरी बाहों में खुशी से जीवन गुजार देंगे,

मरते तलक तुझ पर गज़ल लिखते रहेंगे।


दिव्य थी, हो, रहोगी मेरे लिए हो दिव्यता की मूरत,

ना था ना है ना रहेगा मेरे लिए तुम सा खुबसूरत।


मैने दुआ इबादत में मांगा वो हसरत हो,

तुम हमेशा से मेरी चाहत मेरी जरूरत हो।


प्रिये, मेरी जिन्दगी की हर चाह तेरे लिए,

हर खुशी, मुस्कान, संवरता आजकल तेरे लिए।


तेरी एक मुस्कान है मेरे जन्मों-जन्म की अनकही,

मैं जी लूंगा देखकर तु बस मुस्कुराना यूं ही।


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