हम रहें न रहें मुल्क मेरा रहे”
हम रहें न रहें मुल्क मेरा रहे”
हम रहें न रहें मुल्क मेरा रहे
सारी ख़ुशियों का इसमें बसेरा रहे
हम रहें न रहें मुल्क मेरा रहे
सबको, सबका ध्यान रहे और
सब, सबका सम्मान करें
कुछ न तेरा रहे कुछ न मेरा रहे
सारी ख़ुशियों का इसमें बसेरा रहे
हम रहें न रहें मुल्क मेरा रहे
विकसित हो यह देश मेरा
हों ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ दामन में
हर ख़ुशबू के फूल खिलें
ख़ुशबू फैले घर आँगन में
नज़र लगे न इन फूलों को
नज़र लगे न इन फूलों को
हर फूल यही माली से कहे
हम रहें न रहें मुल्क मेरा रहे
सारी ख़ुशियों का इसमें बसेरा रहे
मंदिर मस्जिद का भेद न हो
भाई सा सबमें प्यार रहे
वो हिन्दू हो या मुस्लिम हो
सबका पूरा अधिकार रहे
न दंगे हो न झगड़े हो
न दंगे हों न झगड़े हो
यही हिन्दू कहे यही मुस्लिम कहे
सारी ख़ुशियों का इसमें बसेरा रहे
हम रहें न रहें मुल्क मेरा रहे
सद्भाव, समर्पण, अपनापन
यह हर प्राणी का ध्येय बने
जीतें सारे भारतवासी
और देश मेरा अजेय बने
मस्तक हो हिमालय से ऊँचा
मस्तक हो हिमालय से ऊँचा
और प्रेम की गंगा रोज़ बहे
हम रहें न रहें मुल्क मेरा रहे
सारी ख़ुशियों का इसमें बसेरा रहे