दीवानापन
दीवानापन
मोहब्बत की है तुमसे कोई गुनाह नहीं,
दिल में बसाया है तुझको सबूत की जरूरत नहीं I
यही है कहानी मेरी, नहीं पता तो जान ले,
देखता रहता हूँ तुझे मजबूरी है मेरी, मान ले I
तुमसे ही बातें करता हूँ, घेर लेती है जब तन्हाई,
तेरी यादों से भरी रहती है हर शामें मेरी I
आँखें बंद करता हूँ, तू ही तू दिखाई देती,
किताबें जब भी खोलता हूँ नजर आता है तेरा चेहरा I
अब तू ही बता दे प्रिय, करु भी, तो क्या करुं ?
मजबूर से हालात हैं मजबूर हूँ मैं भी !
दिल है बेताब मेरा, अब पागल हूँ मैं भी !
दीवाना हूँ मैं तेरा, सोचकर हैरान हूँ मैं भी !
कितना प्यार करता हूँ तुझे , जानकर भी अनजान है तू ?
नहीं जिया जाता बिना तुम्हारे, जिन्दगी बितानी है साथ तुम्हारे I
जी भर के बातें है करनी , ढेर सारी संग तुम्हारे ।