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Abasaheb Mhaske

Drama

5.0  

Abasaheb Mhaske

Drama

कल फाँसी का फंदा न बन जाए

कल फाँसी का फंदा न बन जाए

1 min
212


जियो मेरे भाई

खूब जियो जी भर के

 मगर अब हमे बख्श दो !

 

लूटो मेरे भाई  

खूब लूटो दिल खोल के 

मगर दूसरों को जीने तो दो !


फेंको मेरे भाई

कितना भी फेंको मगर

देश कि इज्जत तो बख्श दो !


जियो मेरे भाई

खूब जियो जी भर के

 मगर अब हमें बख्श दो !

 

लुटा  मेरे भाई  

खूब लूटा दिल खोल के 

मगर दूसरों को जीने तो दो !


सुनो मेरे भाई

किसी की मत सुनो मगर

मेरे देश के लोकतंत्र को भख्श दो !


 देखो ! मेरे भाई

भगवान के घर देर हैं,अंधेरी नहीं

समय बड़ा बलवान

किसी का गुलाम नहीं !


 सोचो ! मेरे भाई हमें डर हैं कि ...

कुर्सी का लालच कहीं हैवान ना बना दे 

यही घमंड कल फाँसी का फंदा न बन जाये !


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