गुज़ारिश
गुज़ारिश
माना तेरी पलकें भीगी हैं वक़्त ने ज़िन्दगी में की जो साज़िश है,
फिर भी मुस्कुरा दे गम भुलाकर तेरे होठों की तुझसे गुज़ारिश है।
इक दुआ है मेरी खुदा से कि खुदा खुद दुआ मांगे तेरे लिए,
गर मेरी दुआएं बेअसर हैं तो उसकी दुआ असर दिखाए तेरे लिए,
भरोसा है अगर खुदा को भी उस पर भरोसा करने वालों पर,
तो उसकी बनाई पूरी कायनात खुशियों के रंग सजाए तेरे लिए।
नेक बंदों के ज़ख़्मों पर होती जरूर खुदाई मरहम की बारिश है।
फिर भी मुस्कुरा दे गम भुलाकर तेरे होठों की तुझसे गुज़ारिश है।
सुना है तारे खुद टूटकर दूसरों की दुआएं कबूल करवाएं,
जब वो आहें भरें तो उन्हें देखने वाले उम्मीद से मुस्कुराएं,
खुदा करे जब तू रात को आकाश देखे तो इतने तारे टूटें,
कि तेरे पास मांगने के लिए आज फ़रियादें कम पड़ जाएं।
तेरे हंसी के लिए तारों के साथ-2 चाँद की भी आज़माईश है।
फिर भी मुस्कुरा दे गम भुलाकर तेरे होठों की तुझसे गुज़ारिश है।
माना ये जरूरी नहीं हम जो भी ख़्वाब देखें वो पूरा हो जाए,
पर खुदा तू ख़्वाब वही दिखा जो हर हाल में पूरा हो पाए।
माना ये भी जरूरी नहीं जिस राह पर चलें मंज़िल मिल जाए,
तू राह ही ऐसा दिखा खुदा जो खुदबखुद मंज़िल तक पहुंचाए,
हंस दे खिलखिलाकर, आशिष ने खुदा से सिफ़ारिशक्र दी हैं
फिर भी मुस्कुरा दे गम भुलाकर तेरे होठों की तुझसे गुज़ारिश हैं
#postiveindia