दो पल
दो पल
दो पल का साथ था हमारा,
दो पल की थी यारी,
दो पल ही जिया हमने,
दो पल ही दुनिया लगी प्यारी !
दो पल ही आँखे थी रोई,
दो पल ही हँसी थी तन्हाई,
दो पल ही साँसे चली थी,
दो पल ही मैंने ली अंगड़ाई !
दो पल ही आँख-मिचौली थी,
दो पल की थी सच्चाई,
दो पल को ही संजोया था,
दो पल ही मैं लुटा आई !
दो पल ही आँख लगी थी मेरी,
दो पल में ही हर तबाही आई,
दो पल में ही अँधेरा छाया,
दो पल में ही मैं धरा में समाई !