दिल का नाम सूरज
दिल का नाम सूरज
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इस तपते आग के गोले का नाम बदल,
दिल करता है आज में सूरज रख दूँ।
इस दिल को डुबो दे शीतल लहरों में,
कि तमन्नाओं की आग बुझ जाये।
झुनझुना कर झिलमिला कर लहरों में,
तूफ़ान उठे, पतंगें बूंदों से लिपट जाये।
मैं रखकर सूरज के सिर को डुबो दूँ,
हर डुबकी में ये में खो जाये।
झिलमिलाए इसकी रोशनी सवेरे को,
इसकी तपिश सारी सागर में सो जाये।
जब पा ले आग का गोला इतनी ठंडक,
तब रख दूँ आकश में बिंदू सा इसको।
जो देखे दिन में इसे, ये चंद्रमा ही कहलाये।
इस दिल को डुबो दे शीतल लहरों में
कि तमन्नाओं की आग बुझ जाये।।