तेरे इश्क में भीग लेते हैं
तेरे इश्क में भीग लेते हैं
चल सौदा कुछ हम तुझसे यूँ कर लेते हैं,
तू बन जा बारिश और हम भीग लेते हैं।
बरसात के मौसम में जब तेरी आहट होगी,
मेरे मन में फिर थोड़ी - सी शरारत होगी।
थोड़ी गुफ्तगू हम फिर से कर लेते हैं,
चल तेरे इश्क में हम भी भीग लेते हैं।
बंजर धरती की प्यास है तुम्हें पाने को,
ये बारिश आई ही है हमें मिलाने को।
इसकी मस्ती में बेफिक्र झूम लेते हैं,
चल तेरे इश्क में हम भी भीग लेते हैं।
याद रख फिर ना मौसम सुहाना होगा,
फिर ना भीगने का ऐसा बहाना होगा।
प्यार भरी बूँदें हम यूँ चुरा लेते हैं,
चल तेरे इश्क में हम भी भीग लेते हैं।
बारिश का जब खयाल आता है,
बस नशा तेरा सिर चढ़ जाता है।
बिना बोतल के ही हम झूम लेते हैं,
चल तेरे इश्क में हम भी भीग लेते हैं...।