बहुत अच्छा है कि ख़ूबियाँ साथ
बहुत अच्छा है कि ख़ूबियाँ साथ
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बहुत अच्छा है कि ख़ूबियाँ साथ ले के चलो
मज़ा तो तब है कि ख़ामियाँ भी साथ ले के चलो
कामयाबी की तफ़्तीश पूरी नहीं हो सकती
हो सके तो नाकामियाँ भी साथ ले के चलो
नामदार होने का लुत्फ़ भी तभी है मियाँ
जब कुछ बदनामियाँ भी साथ ले के चलो
बेकार हैं जब बातें सिर्फ अपने हिस्से की हों
ज़माने में दूसरों की हामियाँ भी साथ ले के चलो