तेरी ख़ुशी या मेरा ग़म
तेरी ख़ुशी या मेरा ग़म
तू रुक भी ज़रा, तू सुन तो ज़रा
यह इंसान तो वही है
बस तेरे नज़रिए बदल से गए हैं
प्यार तो अभी भी वैसा ही महसूस होता है मुझे हर जगह
बस शायद तेरी लफ्ज़ों के शब्द बदल से गए हैं
ये हालात तो हमारे उन प्यार में बयां हालात से भी बत्तर लगते हैं
क्योंकि उस वक़्त के आँसू में तुम्हारी नमी थी
अब तो आँसू बहाने के भी ख्याल बदल से गए हैं
एक ख़ुशी भी है और ग़म भी की तुम आगे बढ़ चुकी हो जिंदगी में
पर इससे मेरे सारे जिंदगी के मायने मानो बदल से गए हैं
पर इससे मेरे सारे जिंदगी के मायने मानो बदल से गए हैं....