अब कोई गम नहीं...
अब कोई गम नहीं...
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लम्हों में जीना सिख लिया है अब कोई गम नहीं…
पलो को सहेजना सिख लिया है अब कोई गम नहीं।
हर आह पे अब दिल घबराता नहीं,
आह को परखना सिख लिया है, अब कोई गम नहीं।
मन को अब कही बहलाते नहीं मन,
को मनाना सिख लिया है, अब कोई गम नहीं।
आँखों को अब कुछ कहते नहीं,
आंखों ने चुप रहना सीख लिया है अब कोई गम नहीं।
हर आह को मन में संभाल के,
आंखों से दिल में उतारना सीख लिया है अब कोई गम नहीं...।