याद आता है वो सब
याद आता है वो सब
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मैं तुम या कोई और यहाँ अलग कौन है सब एक से तो हैं।
सोच से मजबूर इच्छाओं से भरपूर।
दर्द में पुकार कामयाबी में अहंकार।
सहजता से दूर असंतुष्टि से चूर।
हर मिट्टी से बने बुत की यही तो कहानी है।