खुशियो की रात
खुशियो की रात
हर जगह रोशनी ही रोशनी थी
सब के चेहरों पर खुशी ही खुशी
कहां अब लोग मिलते हैं
कहा अब मेले लगते हैं
कितने सालों बाद ये नज़ारा देख रही थी
ये दीवाली की रात बरसों बाद आई थी
जहा लोगों के चेहरों पर स्माइल थी
कोई नफरत ना थी
कल सच में बहुत खूबसूरत रात थी
सपने में ही सही
पर खूबसूरत रात थी।