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Rahul Rajesh

Others Inspirational

1.0  

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आत्मा की कमीज

आत्मा की कमीज

1 min
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मेरी आत्मा की कमीज

वहीं छूट गई है

गाँव की खूँटी पर

 

मैं नंगे बदन

चला आया हूँ

इस शहर में

 

नौकरी की पतलून तो

है पास मेरे

जिसे पहनकर

ढँक लेता हूँ

अपनी टाँगें

 

और तसल्ली कर लेता हूँ

कि अपने पैरों पर

खड़ा हूँ

 

पर मेरी आत्मा की कमीज

वहीं छूट गई है

गाँव की खूँटी पर!


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