प्रेरणा गीत
प्रेरणा गीत
ख्वाबों की बिंदी,
उमंगों का गजरा,
सपनों का काजल,
सजाए चली मैं।
हो राहें कठिन,
लक्ष्य दुर्गम भी तो क्या,
चुनौती की लाली,
लगाए चली मैं।
हँसे लोग बेशक,
कहें चाहे कुछ भी,
बढ़ती चली मैं,
लिए लक्ष्य मन में।
हूँ गुड़िया तुम्हारी,
मेरे मम्मी-डैडी,
ना हारी, ना हारूँगी,
जीवन सफर में।
गरीबी ने जीना,
मुझे है सिखाया,
मजबूत इरादों को,
पुख्ता किया है।
ना भटकूँ कभी भी,
हों मायूस पथ से,
जरूरत ने मेहनत को,
अपना लिया है।
बदनसीबी की बारिश में,
भीगी हूँ फिर भी,
चलती चली मैं,
मगन अपनी धुन में।
हूँ गुड़िया तुम्हारी,
मेरे मम्मी-डैडी,
ना हारी, ना हारूँगी,
जीवन सफर में।
घिरी मैली नजरों की,
काली घटा हो,
या आँधी जमाने की,
दकियानूसी की।
अवरोधक बनें बेशक,
संकीर्ण विचार,
ना परवाह है,
लोगों के कानाफुसी की।
छटेंगें कभी तो,
कुरीति के बादल,
बढ़ती चली मैं,
लिए आस मन में।
हूँ गुड़िया तुम्हारी,
मेरे मम्मी-डैडी,
ना हारी, ना हारूँगी,
जीवन सफर में ।।
चकाचौंध दुनिया की,
मोहक अदाएँ,
कर सकें मुझको विचलित,
ये संभव कहाँ है ?
हों बाहें फैलाए,
बुराई की लपटें,
मैं मंजिल से भटकूँ,
ये मुमकिन कहाँ है ?
एक आशा का दीपक,
जलाए निरन्तर,
गुनगुनाती चली मैं,
नवीन गीत मन में।
हूँ गुड़िया तुम्हारी,
मेरे मम्मी-डैडी,
ना हारी, ना हारूँगी,
जीवन सफर में।