"अनजान रास्ते "
"अनजान रास्ते "
वक़्त से आज मैं अनजान हुआ
उन रास्तो से आज मैं अनजान हुआ
वो नूर देखने के लिए गुजरा करते थे जिस राह से कभी
आज उन्ही राहों से मैं अनजान हुआ ,
वक़्त के साथ आज फिर सब अनजान हुआ...
वक़्त के साथ लोगो के रास्ते भी बदल गए
जिन रास्तो से हम गुजरा करते थे
पहले कभी चंद मुलाकातों के सिलसिले में
आज उन्ही रास्तो से मैं वाकिफ भी नहीं हूं
जाने पहचाने चेहरों से जिनसे
मिलने के लिए जाया करते थे कभी
आज कुछ वक़्त के बाद
उधर से जाना भी बेगाना सा लगता है,
इसी जिंदगी के सफ़र में
मैं लोगो से अनजान हो गया,
आज कुछ वक़्त के साथ मैं
अपनो से अनजान हो गया....