जी सकुंगा नहीं
जी सकुंगा नहीं
जी सकुंगा नहीं, मै तुम्हारे बिना
ख्वाब चाहत नहीं, अब तुम्हारे बिना,
जी सकुंगा नहीं..!
हर सुबह में तुम्ही, हर झलक बस तेरी
आशिकी - दिल्लगी ना तुम्हारे बिना,
जी सकुंगा नहीं..!
चाँदनी रात तुम, एक हसीन चाँद तुम
दिल लगाऊं कहाँ, अब तुम्हारे बिना,
जी सकुंगा नहीं..!
सर्द मौसम नमी, दिलनशीन नाज़नीन
दिल संभलता नही, अब तुम्हारे बिना,
जी सकुंगा नहीं..!
तन्हा दिल तेरे बिन, प्यासा दिल तेरे बिन
नींद बिस्तर नहीं, अब तुम्हारे बिना,
जी सकुंगा नहीं मैं तुम्हारे बिना..!