Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Anushree Goswami

Inspirational

5.0  

Anushree Goswami

Inspirational

खुद ही में खुद को ढूँढ लूँ

खुद ही में खुद को ढूँढ लूँ

1 min
7.1K


मैं खुद को धरा - सा सबल कर लूँ,

क्या हो गर खुद को भूलकर,

एक नयी दुनिया में कदम रख लूँ !


मैं बन जाऊँ वो रात जिसमें सिर्फ उजाला हो,

मैं बनकर सुख का एहसास सबके दुखों को कम कर लूँ,

मैं खुद से खुद को आज़ाद कर,

खुद ही में खुद को ढूँढ लूँ !


मैं खुद से ही हारकर खुद से ही जीत लूँ,

मैं खुद को आज इतना काबिल कर लूँ,

कि अपने आँसुओं में मुस्कराहट को भी शामिल कर लूँ,


मैं इस दुनिया में अपनी सपनों की दुनिया को लाकर,

एक नयी दुनिया का आगाज़ करूँ,

मैं जो भी रहूँ, मैं कुछ भी रहूँ,

बस खुद को खुद से आज़ाद कर लूँ,


मैं अपनी हर बात पर अमल कर,

अपने सारे सपनों को सच कर लूँ,

बस आज कुछ ऐसा कर लूँ...।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational