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S Ram Verma

Romance

2  

S Ram Verma

Romance

इश्क़ की ख़्वाहिशें

इश्क़ की ख़्वाहिशें

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180


वो इश्क़ ही है 

जो अक्सर मुझ से 

हँसी ठिठोली करता है 

खुश रहा करो तुम 

मुझ से अक्सर ही 

वो कहता रहता है 

और कभी-कभी वो 

दिल दुखाने के लिए  

उल्टी-सीधी हरकतें

भी वो कर ही देता है 

वो कुछ अजब सा है 

अपने इश्क़ में वो 

शिद्दतें भी भरता है 

वो मेरे दामन में 

आग भी लगाता है 

फिर खुद ही उसे 

बुझाने के खातिर 

बारिश भी करता है 

दिल में मेरे वो साथ 

जीने और मरने की 

ख़्वाहिशें भी जगाए 

रहता है।


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