मैं नहीं लिखता पैसों के लिए -- अनुज पारीक
मैं नहीं लिखता पैसों के लिए -- अनुज पारीक
नहीं लिखता मैं पैसों के लिए
ना ही लिखता हूँ नाम के लिए
मैं तो लिखता हूँ सिर्फ सुकून के लिए
लिखने की प्यास को शांत करने के लिए
लिखता हूँ सिर्फ अच्छाई के लिए
लिखता हूँ बदलाव के लिए
नहीं लिखता हूँ मैं पैसों के लिए
या फिर सिर्फ यही एक रास्ता है
नाम के लिए, पहचान के लिए
मैं तो लिखता हूँ
ज़िंदा रहने के लिए
या फिर जीने के लिए
लिखता हूँ मैं जो शब्द ज़हन में है मेरे
नहीं लिखता मैं पैसों के लिए ......
लिखता हूँ मैं उस गरीब की आवाज़ के लिए
लिखता हूँ उस गली के कचरा बीनने वाले के लिए
लिखता हूँ उस दुखी अन्नदाता किसान के लिए
नहीं लिखता मैं पैसों के लिए
ना ही लिखता हूँ नाम के लिए
लिखता हूँ उनके लिए
जिनकी आवाज़ को दबा दिया
गरीब का नाम देकर
कमज़ोर का नाम देकर
एक सच्चा कलमकार हूँ
लिखता नहीं नाम, दौलत, शौहरत या फिर हवस के लिए
जब तक ज़िंदा हूँ लिखता रहूंगा
उस अनाथ के लिए
उस मज़बूर किसान के लिए
क्योकि नहीं लिखता मैं पैसों के लिए
ना ही लिखता हूँ नाम के लिए ....