बचपन हमारा
बचपन हमारा
वो था बचपन हमारा ।
याद आया फिर दोबारा ।।
क्या हरकतें करते थे ।
फिर हंसने का मजा आया ।।
वो था बचपन हमारा ....
रोते थे हम बहुत ।
कभी जोर से कभी धीमे से ।।
हंसते थे हम बहुत ।
कभी जोर से कभी धीमे से ।।
गर्दिश में चंदा को ।
बडी निगाहों से निहारते ।।
टूटते तारे से ।
लबीं सी दुआयें मांगते ।।
गगन में पंछी की तरह ।
उड़ने के ख्वाव देखते ।।
हवाई जहाज की तरह ।
आकाश की विहार करने की सोचते ।।
वो था बचपन हमारा .....
माँ स्कूल भेजा करती ।
कभी टाफी तो कभी चाकलेट का लालच देकर ।।
पर लगता स्कूल कैद की तरह ।
और आँखों में नमी का बसेरा ।।
वो था बचपन हमारा ......
आज हो गये हम बडे ।
गुजर गये बचपन के साये ।।
बार बार याद आता ।
कितना खूबसूरत था बचपन हमारा ।।