Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Shanu Batham

Others

4  

Shanu Batham

Others

यूं ही नही चाहा तुझको

यूं ही नही चाहा तुझको

1 min
20.4K


यूं ही नही चाहा तुझको
*************************
 

मेरे ख्वाबों में तेरा चेहरा चमकता है अभी,
मेरे लबों पे तेरा जिक्र चहकता है अभी।

मैं चाहूं या ना चाहूं तु मुझमें जिंदा है कहीं,
मेरे सीने में तेरा नाम धङकता है अभी।

मैं मैं हूं या तू हो गयी जाने कब याद नही,
मेरी सांसों में तेरा प्यार दमकता है अभी।

मैं मर मिटी दुनिया के रिवाजों में खो गयी,
पर तेरा अफसाना मुझमें भटकता है अभी।

तू कोई गुजरा दौर नही जो लौट न पाये,
तेरे आने की चाह में दिल कसकता है अभी।

हवा नहीं जो गुजर जाएगा तू मुझे छूकर,
खुशबू बनकर सांसों में तू महकता है अभी।

आकर मुझे अपनी बाहों में फिर से समा ले,
कि दिल अंधेरों में डरकर सहमता है अभी।

यूं ही नही चाहा तुझको मैंने मेरी गीतम,
मेरे होंठों पे तेरा एहसास लरजता है अभी।


Rate this content
Log in