हमने हर सुबह देखी है! हमने हर रात देखी है!
हमने हर सुबह देखी है! हमने हर रात देखी है!
हमने हर सुबह देखी है हमने हर रात देखी है।
हमने कांग्रेस के साम्राज्य को चलते भी देखा है तो उनके भाव को ढलते भी देखा है।
हमने भाजपा को आगे बढ़ते देखा है तो उन्हें दाल रोटी के दाम पर जूझते भी देखा है।
हमने 'आप' को हिम्मत और दृढ़ निश्चय के आधार पर विजय के बाद भी टूटते देखा है।
हमने हर एक पक्ष के नेताओं द्वारा किए गए हर एक प्रयास देखा है।
हमने अभियान देखे हैं हमने रैलियां देखी हैं हमने नारे देखे हैं हमने दंगे देखे हैं हमने हत्याएं देखी हैं।
हमने किसी के आंखो में देश के लिए आंसू देखे हैं तो किसी के आंखों में पनामा बैंक के अकाउंट नंबर भी देखे हैं।
हमने रोटी के लिए किसी को रोते हुआ देखा है तो किसी को रोटी के लिए अपने जमीर को बेचते देखा है।
हमने रात रात भर पढ़ाई करके देखा है और हमने किसी के भतीजों और भांजों को नौकरी लगते देखा है।
हमने अपनी संस्कृति की महानता का बखान देखा है और हमने उसे जातिवाद, धर्मकी राजनीति से जूझते भी देखा है।
हमने हर सुबह देखी है हमने हर रात देखी है।
हमने ये भी देखा है हमने वो भी देखा है पर दुविधा सिर्फ इतनी है की हमने यह और वह सिर्फ “देखा” ही है।
अब सिर्फ एक ही तमन्ना बाकी रह जाती है की,
हमारा हर दिन देश के लिए समर्पित हो और हमारी हर रात देश के लिए समर्पित हो।