आदमी जो बच गया
आदमी जो बच गया
आदमी जो बच गया
--दिविक रमेश
आखिर बच्चा ही था वह
(हालाँकि इतना बच्चा भी नहीं था)
जिसने जानना चाहा बिना किसी संदर्भ के
कि कहाँ है लाहौर?
’पाकिस्तान में?’-एक आसान-सा उत्तर था मेरा।
और दिल्ली?’
मैंने कहा-भारत में।
सोच लिया, चलो जान छूटी। बच्चा चुप हो गया था।
लेकिन अचानक ही फिर बोल पड़ा वह
मैं हिल गया अचानक हुऐ बम विस्फोट की तरह।
’भारत और पाकिस्तान कहाँ हॆं?’
’ज़मीन पर! और कहाँ?’ थोड़ा झुँझलाकर कह गया।
’तो ज़मीन वाली बात इतने गुस्से से क्यों बता रहे हैं आप?
उसकी आँखों में मासूमियत थी और वह चला गया।
बहुत देर तक
एक आदमी
मुझमें बचने की कोशिश करता रहा।