उसके बाद
उसके बाद
ठहरे जो तेरी एक नज़र
झलक ही दिख जाए तेरी
पलकें बंद कर लूँ
न देखूँ कोई और नज़ारा
तुझे देखने के बाद
मेरा रुख़सार छू ले
आगे कर हाथ
स्पर्श पर कविता लिख दूँ
ना छुए मुझे कोई और
उस खुशबू को पाबंद कर लूँ
तेरे छूने के बाद
लब पर ठहरे जो
इश्क का आगाज़
तुम्हारी ओर से
मैं उर में बसा कर
इकरार को
खिड़की बंद कर लूँ
तेरे इज़हार के बाद
ज़िंदगी की शाम
तुम्हारी आगोश में कटे
कर लो ये वादा
मैं साँसे तुम्हारे नाम कर दूँ
तेरे वादे के बाद.!