पद्य और गद्य
पद्य और गद्य
पद्य और गद्य में
कविता लिखते है
लिखने वाले
यही कहते है
गद्य मे लिखो
या पद्य मे लिखो
कविता तो बस
कविता ही है
कौनसे शब्द गद्य के है
कौनसे पद्य के शब्द है
ये बात समझ मे
क्यो नही आई ?
पढना लिखना खाना
पीना और नहाना ।
उठना - बैठना, सोना - जगना
शब्द यही दोनो मे लिखते ।
गद्य पद्य का अन्तर है
फिर कैसे कर पाते है ?
भाव वही दोनो मे निकलते
कौन गद्य है ? कौन पद्य है ?
लिखने का अन्दाज़ क्या है ?
बात नही पल्ले पड़ती है।
गद्य पद्य की उलझन है
फिर भी कविता बन जाती है
गद्य पद्य के हेर फेर मे
बस बात समझ नही आती है
उलझन तो बस बनी हुई है
गद्य पद्य के अन्तर की
हिन्दी का साहित्य यही है
कविता है बस हिन्दी की
भेद भाव करो न इसमे
दोनो की भाषा है हिन्दी की...।