बिंब
बिंब
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एक बिंब है पानी में किसी का,
उसकी आँखों में आँसू हैं,
जो घुल गये हैं पानी में,
उन आँखों की उदासियों से,
हो गया है खारा सरोवर।
पता नहीं पर कोई कहानी है उन आँखों में,
कुछ कहना था शायद उसको,
पर और कोई नहीं था वहाँ,
जिसको वो सुना सके,
अपने मन की व्यथा।
पता नहीं कौन है वो,
पर जब भी मैंने हाथ बढ़ाकर,
उसके आँसू पोंछना चाहा,
खो गई वो हर बार,
उस अथाह जल में।