श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि
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हे महामानव, आपका महाप्रयाण देश स्तब्ध विश्व स्तब्ध । प्रारब्ध है मिट्टी का मिट्टी में विलीनता भूमि पवित्र हो गई था आपका प्रारब्ध पर विश्व स्तब्ध ज्ञानपुंज देश को बना गए शक्तिपुंज अनुपलब्ध को बना दिया देश को सर्वोपलब्ध विलक्षण का महाप्रयाण उपलब्ध भी स्तब्ध । प्रारब्ध भी स्तब्ध । श्रद्धांजलि करबद्ध ।