इश्क़ की बारिश
इश्क़ की बारिश
बस मिलना है तुमसे एक बार
रोना नहीं है तेरे कंधे पर सर रख कर इस बार
ना ही कोई दर्द बयां करना है
बस तुझे हंसते हुए देखना है
क्योंकि अब तेरी हंसी से ही
तो मेरी मुहब्बत मुकम्मल है
बस मिलना है तुमसे एक बार
शिकायत नहीं करनी है इस बार
ना ही तुझसे कोई वादा लेना है
बस तेरी आंखों में खुशी देखनी है
किसी और के होने की
क्योंकि तेरी इस खुशी से ही
अब मेरी मुहब्बत मुकम्मल है
बस मिलना है तुमसे एक बार
जन्म जन्म का साथ नहीं मांगा इस बार
बस दो पल मांगे हैं खामोशी के
क्योंकि तेरी इस खामोशी से ही
अब मेरी मुहब्बत मुकम्मल है
बस मिलना है तुमसे एक बार
मुहब्बत नहीं मांगी इस बार
बस ये एक मुलाकात मांगी है
क्योंकि अब इस मुलाकात में ही तो
मेरी मुहब्बत मुकम्मल है
हां, बस मिलना है तुमसे एक बार