चिंता करके क्या फायदा?
चिंता करके क्या फायदा?
मत हो उदास लोगों के बारे में सोचकर,
कोई जिंदगी भर साथ नहीं होता।
चिंता करके भी आखिर क्या फायदा,
जब सब कुछ अपने हाथ में नहीं होता।
कुछ बातें हैं जो कभी बदलती नहीं,
कुछ ज़िंदगियाँ फिर कभी मिलती नहींं
फिर से जुड़ा नहीं वैसा एहसास होता।
चिंता करके भी आखिर क्या फायदा,
जब सब कुछ अपने हाथ में नहीं होता।
वादे भी टूटेंगे सारे और साथ भी छूटेंगे,
जज्बात जो दबे हैं अंदर वो ही तुझे लूटेंगे।
सुना तो होगा कि पूरा हर ख्वाब नहीं होता,
चिंता करके भी आखिर क्या फायदा,
जब सब कुछ अपने हाथ में नहीं होता।
नहीं मिलेगा वो तुम्हें जिसकी तलाश है,
भरोसा किसका वक्त भी तेरे खिलाफ है।
जितना तू समझेगा उलझनें बढ़ती जाएंगी,
जिंदगी नए मोड़ पर नया इम्तिहान लाएगी।
कौन कहता है कि नई शुरुआत नहीं होती
छोड़ चिंता जब सब अपने हाथ नहीं होता।