रंगीन होली
रंगीन होली
बसंत बेला अब आ ही गया,
फागुन महीना अब आ गया,
रंगीन होली का उत्सव आया,
सारा परिवेश रंगों से भर गया।
बृन्दावन में हुआ समाहार,
कन्हैया प्रेम से करे पुकार,
राधिका करें रंगीन सिंगार,
सुनाएँ खुशियों की झंकार।
सबके तन में है रंग ही रंग,
सबके मन में है प्रणय रंग,
चारों ओर छाए हैं सप्तरंग,
रंगारंग लगें ये इंद्रधनुषी रंग |
हर किसी के हाथों में है गुलाल व अबीर,
बच्चे बूढ़ों जवानों में नहीं है कोई लकीर,
युगल प्रेमी प्रेमिका में दिखे प्रेम का तीर,
होली है हमारी सभ्यता की प्यारी तस्वीर।