संघर्ष
संघर्ष
अंधेरों में उजाले की एक किरण
जैसे सुबह के उगते सूरज को नमन,
मेहनत की चक्की
कर दे रात की रोटी पक्की,
लक्ष की चाहत से भरी ललकार
हर कदम पर दिखाए चमत्कार,
काँटों में से फूल चुनना और
सुनहरे भविष्य के सपने बुनना,
तूफ़ान में बाज़ी मरना
हर चुनौती को ललकारना,
अपने ईमान पर सदा टिक्के रहना
ऊपर वाले की रहमत कभी न भूलना,
तूफानों में पतवार संभालना
चढ़ते उतरते उफानों में हौसला न खोना...
प्रकृति कहती है - संघर्ष करो
कहती है मंज़िल -संघर्ष करो
कर्म कहते है - संघर्ष करो
कहती है परीक्षा - संघर्ष करो
संघर्ष भी कहता है - संघर्ष करो...
संघर्ष है एक पूजा ,
जिसके समक्ष नहीं कोई दूजा,
कर्म , परीक्षा ,मंज़िल,
प्रकृति के है नियम अटल,
संघर्ष है सोत्र सबसे बड़ा
जिसके समक्ष ,न कोई बड़ा, न छोटा...
अच्छे कर्म करने के लिए, देनी पड़ती है परीक्षाएं
संघर्ष का जो थामे हाथ, पूर्ण होती हैं आशाएं,
बिना संघर्ष जीवन किसका सफल हो पाया
संकट सामने आया, संघर्ष ने ही तो पार लगाया!
जीवन को जीने का सलीका सिखाता है संघर्ष,
दिल को तसल्ली, मुख पर मुस्कान, बिखेरता है संघर्ष....