इश्के फकीरी
इश्के फकीरी
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इश्के फकीरी ने क्या हाल कर दिया 'गिनी',
एक जमाना था हम दौलत लुटाया करते थे।
यूँही नहीं हुए हैं जमाने में बदनाम हम 'गिनी'
एक तो तेरी ख़ामोशी और दूजी मेरी आशिकी।
यूँही नहीं बदल गया है किसीका अक्स 'गिनी'
किसी की बेवफाई का मिला है ये मुझको सिला।
कौन कहता है इश्क है सबसे बड़ा गुनाह 'गिनी'
हमने तो गुनाह करके भी पाई है सारी खुदाई।